रोज़ सुबह उठकर बस इस बात को याद रखिए कि रिटर्न टिकट तो पक्का है...एक लाइन की बात आपको जीने का नया ढंग सिखा देगी...अब जब जाना तय हैं तो फिर मर-मर के जीना क्या...इसलिए मन भर जीएं लेकिन मन में भरकर ना जीएं...मन में भरकर जीएंगे तो मन भर नहीं जी पाएंगे...इसलिए दोस्त सबसे पहले शिकायत करना छोड़ दीजिए...शुक्रिया अदा करना शुरू कीजिए...आप किसी से बहुत गुस्से में हैं कोई आपका लगातार दिल दुखा रहा है तो भी उसे शुक्रिया अदा कीजिए...क्योंकि कहीं न कहीं उसने कुछ तो ऐसा किया है जिसकी वजह से आप उससे अभी भी जुड़े हुए हैं भले ही नाराज़गी के साथ...लेकिन जुड़े हुए हैं....ना....
आपके पास जितना है उसका मज़ा लेना शुरू कर दीजिए...जितना है उसका पूरा लुत्फ उठाइए और जो नहीं है उसके लिए प्रयास कीजिए लेकिन निराश मत होइए...कितनों के पास वो भी नहीं है जो आपके पास है इसलिए जो है उसको दिल से जीना शुरू कीजिए...
सबसे ज़रूरी बात लोगों की बात दिल पर कभी ना लें...लोग तो अमरूद खरीदते वक्त भी 10 दफा पूछते हैं मीठे हैं ना भइय्या और फिर उसी अमरूद को नमक लगाकर खाते हैं...
इसलिए दुनिया को छोड़िए
अपनी सुनिए
दिल की राह चुनिए
क्योंकि
रिटर्न टिकट तो पक्का है भइय्या